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Can anybody upload water scarcity essay please.......
asked by Icse (ajinsumesh) 7 years ago
2
can someone pls send me the link of anita prasad biology book
asked by Papu Papu (loosu) 7 years ago
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Can we write the concept of effort arm and MA in Q1 c of ICSE physics 2017
asked by Aditya Yadav (aditya176) 7 years ago
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Can anyone please provide with notes of megh aye
asked by Jaya (jayapoddar) 7 years ago
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Anyone who has a digital copy of exam18 set 3 prelim papers?
asked by Qwerty (qwerty6699) 7 years ago
0
anyone here doing sahitya sagar(stories n poem)??v hav been told tht d others r too difficult to learn !!
asked by Turbanator (rishabsaphal) 7 years ago
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Can I leave sukhi daale in ekanki
asked by Drij Vaghasia (drij5860) 7 years ago
3
Any tips for studying Sahitya Sagar (Stories and poems)?
asked by Ansh Thamke (ansh_cr7) 7 years ago
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is it altogether impossible that the hindi paper will have all the same stories chapters given in the specimen paper.like they have given mahayagya,bade ghar ki beti and jamun ka ped.so is it possible to give the same chapters in the paper too?
asked by Armk (sushilamod) 7 years ago
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BETI BACHAO ESSAY

हमें हमारे देश और हमारी संस्कृति पर हमेशा गर्व रहा है | हजारों वर्षों से हमारे देश ने किसी दूसरे देश पर आक्रमण नहीं किया | हम शांतिप्रिय रहे हैं | जिन लोगों को दुनिया में कहीं स्थान नहीं मिला, चाहे यहूदी हो या पारसी, उन्हें भारत ने गले लगाया | ऐसी महान सांस्कृतिक विरासत होने के बावजूद हमारे समाज में एक ऐसी बुराई है जो आज पूरे संसार के सामने हमें हमारी नजरें नीची करने के लिए मजबूर कर देती हैं | वो बुराई है पुरुषों की तुलना में स्त्री को दोयम दर्जे का स्थान देना | हमारा समाज इतना ज्यादा पुरुषप्रधान हो गया है कि आज देश की जनसँख्या का बड़ा हिस्सा बेटी पैदा ही नहीं करना चाहता | इसीका नतीजा है कि हमारे देश में पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों की संख्या घटती जा रही है | 0-6 साल की उम्र के बीच प्रति 1000 लड़कों के अनुपात में लड़कियों की संख्या में वर्ष 1961 से लगातार गिरावट आ रही है| वर्ष 1991 में लड़कियों की संख्या जहाँ 945 थी वहीँ 2001 में यह घटकर 927 और 2011 में 918 हो गई | यह हम सब के लिए एक भयंकर चिंता का विषय है | इसी वजह से हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने “बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” ( Beti Bachao essay in Hindi ) योजना की शुरुआत २२ जनवरी २०१५ को हरियाणा के पानीपत से की |

“बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” योजना को एक राष्ट्रीय अभियान के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा | सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से उन 100 जिलों का चयन किया जाएगा जहाँ बाल लिंग अनुपात सबसे कम है और फिर वहां विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित कर कार्य किया जाएगा | यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है । इसका मुख्य उद्देश्य है कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम, बालिकाओं के अस्तित्व को बचाना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा बालिकाओं की शिक्षा और भागीदारी सुनिश्चित करना | यह योजना न केवल लड़कियों बल्कि पूरे समाज के लिए एक वरदान साबित हो सकती है । इतना ही नहीं, “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” ( Beti Bachao essay in Hindi ) योजना ऐसे वक्त आई है जब देश महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं जैसे- दुष्कर्म और अन्य तरह के हमलों का सामना कर रहा है | इसलिए इस योजना का महत्व और भी बढ़ जाता है |

वर्तमान समय में अजन्मे बच्चे के लिंग का पता लगाने की सुविधा आसानी से उपलब्ध है | इस वजह से कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है | लोग सोचते हैं कि लड़का बड़ा होकर पैसा कमाएगा । लड़की इसके विपरीत, दहेज़ लेकर घर से जाएगी | इस तरह के आर्थिक कारणों से लड़कियों के विरुद्ध सामाजिक पक्षपात होता रहा है | समाज में गहरे तक यह बात बैठी हुई है कि लड़कियाँ पैदा होते ही बड़ी जिम्मेदारी गले आ जाती है | इन कारणों से लिंगानुपात को नुकसान पहुँचा है | महिलाओं के जन्म से पहले ही उनके अधिकारों का हनन शुरू हो जाता है तथा जन्म के बाद भी उनके साथ भेदभाव नहीं थमता | स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की जरूरतों को लेकर उनके साथ कई तरह से पक्षपात होता है | लड़कियों को बोझ की तरह देखा जाता है जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है | महिला सशक्तिकरण से समाज को पिछड़ेपन से मुक्ति मिलती है | एक शिक्षित महिला अपने साथ अपने पूरे परिवार को आगे ले जाती है | इसलिए आज के समय में यह जरूरी है कि लड़कियों को लेकर शहरी तथा ग्रामीण भागों के लोगों के बीच फैली अंधविश्वासी मान्यताओं और प्रथाओं को ख़त्म किया जाए | इसके लिए मीडिया और संचार के नए तरीकों का पूरी तरह से इस्तेमाल करने की आवश्यकता है | बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ( Beti Bachao essay in Hindi ) अभियान इसी लक्ष्य को हासिल करने, इसके बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए शुरू किया गया है |

“बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” ( Beti Bachao essay in Hindi ) सिर्फ एक योजना नहीं बल्कि देश के हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है । यदि एक समाज के रूप में हम इस समस्या के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे, जागरूक नहीं होंगे, तो हम अपनी ही नहीं, आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक भयंकर संकट को निमंत्रण देंगे | इसलिए यह आवश्यक है कि एक नागरिक के रूप में हम सचेत रहे | कहीं पर भी कन्या भ्रूण हत्या हो रही हो तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें | लोगों को इस बारे में सजग करे | हमारा समाज अबोध बालिकाओं की हत्या का पाप और नहीं झेल सकता |
asked by Surya Kumar (surya30) 7 years ago
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